Monday, November 1, 2010

अपनी इन निर्लज आँखों में थोड़ी तो ह्या रहने दो..





kise dosh दिया जाये...इस हमाम में जब सभी नंगे हैं...नेताओं की करतूत तो कलि पहले ही थी अब बड़े सैन्य अफसर के भी दमन रोजाना मैले हो रहे है...नौकरशाही तो पहले ही भ्रष्टता की सीमा लाँघ चूकि है...इन सबके कर्मो रहम से जो पीछे छुट रहा है...जो पिसा जा रहा है वो है जनता ................................................
तजा उदाहरन ही लें..आदर्श सोसाइटी का...शहीदों की परिओरों को देने के लिए बनाये गये इन फ्लैटों में बड़े अफसर ,,नेता,,,उनके रिश्तेदार अपने पहुंच के बल पर जाने कैसे जगह पा गये हैं............इनमे अपने पूर्व थलसेना प्रमुख भी शामिल हैं.............नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल भी शामिल हैं............
अब दीपक कपूर कह रहे हैं की,''मुझे इस बात का अंदाजा भी नही था की ये फ्लैट कारगिल शहीदों की पत्नियों के लिए है....इस प्रकरण से मै काफी व्यथित और सोसाइटी से अपनी सदस्यता खत्म करने को कहा ह...कपूर साहब इतने भोले मत बनिए...चव्हाण भी ये बात खे फिर और आप जैसे लोग तो बात पचती नही,झ्हुत बोलने की एक हद होती है...आपको मालूम नही था यह तो हो ही नही सकता..किसी कीमत पर नही॥
सीधी सी बात है इस मामले में सभी फ्लैट लेने वालों को सब कुछ सही सही मालूम था...इनमे से कोई भी दूध पिता नही है की वो जन ही नही पाया हो की आखिर ये फ्लैट कैसा और किसके नाम से था...ये सब ठीक वैसे ही था की बहती गंगा में सबने हाथ धिओने की कोशिश की है अब जब कई के हाथ उंदर छुपी किसी जन्तु के चपेट में आया तो चिलाना चालू है ....पहले सिफारिश हुयी अब सफैयों का दौर चालू है.....
सीधी सी बात है आप नेता है तो देश में कुछ भी कर सकते है क्यूंकि आपके सामने किसी की नही चलने वाली और जिसकी चलने वाली है वह आपकी ही तरह है..यानि लूटो और खूब लूटो...जी चाहे उतना लूटो...और जब कोई देख ले तो पलट जाओ..ये देश बहुत भुलक्कड है..दयावान है जल्दी ही माफ़ कर देता है....अगर नही भूल पा रहा तो नया विवाद पैदा कर दो लोगों को नये नये विवादों में मजा आता है और अपने को सुर्ख्सा भी यही से मिलता है..अगर फिर भी लोगों का ध्यान उसी बात पे लगा है तो ऐसा करो पूरी मीडिया को खरीद लो...तुम राजनेता हो कुछ भी खरीद सकते हो..वैसे भी मीडिया आज थोक की भाव बिकने को तैयार है...उसे पैसा चाहिए और नेताओं को आराम से ऐश ...तो पिसती रहे बेचारी जनता,,,उसका मौका तो ५ साल बाद आएगा न...५ साल बाद भी वह कुछ नही उखड सकेगी..क्यूंकि उसे किसी को तो चुनना ही होगा और वो जिसे चुनेगी सभी अपने रिश्तेदार या अपने तरह के ही होंगे..तो बड्स अपना तो मजा है ...............
बिलकुल मजा है..पर एक बात भूल रहे है जनाब की देश के अंदर एक ज्वाला धधक रही है...लोगो की शांति के पीछे एक बहुत बड़ी क्रांति का उदय हो रहा है और इसके लिए कुछ मेरे जैसे युवा मोर्चा सम्हाल रहे है आने वाले वक़्त में इन्हें इनकी करतूतों का जवाब लिया जायेगा...हिसाब लिया जायेगा...कर लेने दो ऐश अब अंत समय निकट है...मै तो इनका नत देख रहा हूँ पता नही आप क्यों नही देख पा रहे...आगे आप को भी दिख रहा है और आपके अंदर कुछ देश के लिए भी करने की चाहत है तो इस धधकती ज्वाला को और मजबूत कीजिय ताकि इसकी आंच से वो सभी दरिदे जल उठे.................






2 comments:

PAWAN VIJAY said...

bahut badhiya
aabhar achhi rachna ke liye
word veryfication hataye

encounter said...

thanks sir