Monday, September 27, 2010

प्यार है तो बोल दो

मेरा तेरे दिल पर राज करना क्या,
मेरी बात पे तेरा मुस्कुराना आखिर क्या है,
घंटों मेरा इंतजार करना,थक कर सोफे के एक किनारे लुढक जाना,
वापिस आने पर प्यार से झगड़ना और घंटों बाँहों में बाहें डाले पुरानी रोमांटिक बातें करना
क्या है,,,,हाँ बताओ क्या है,,
क्या है जो बिन बारिश मेरे न होने पे तुम्हारी आँखों से बरसने लगता है,
क्या है जो मेरे जल्दी घर लौटने की दुआएं करता है
क्या है जो दिन में हर दो घंटे पे मेरा रिंग बज उठता है और सामने तुम्हारी आवाज़ होती है
क्या है,,हाँ बताओ क्या है,
कुछ तो खास है
कुछ तो तेरे दिल के पास है
वरना कमोशियों में शोर सबको नही सुनाई पड़ते
तन्हाइयों में जीने का मकसद हर किसी को नही मिलता
सोचने का वक़्त और उस वक़्त की खूबसूरती वीरले ही मिलती है
कहीं मै तुम्हारा प्यार तो नही
कहीं मै तुम्हारे दिल का सर्कार तो नही
मै नही कहूँगा की मै कौन हूँ
फैसला तुम्हे करना है
क्या हम पहले की तरह फिर धड़क सकते हैं,,
अगर हाँ तो मेरा दरवाजा हमेशा के लिए खुला है
और जनता हूँ की तुम्हारा