,मै जो हूँ जैसा हूँ खुद को और अपनी माँ को बेहद पसंद हूँ...किस्मत ने मुझे बहुत कुछ दिया है पर मै जाने क्यूँ उस पर भरोसा नही करता...मुझे हर लड़की में रब दिखता है..पर किसी भी लडकी को मुझमे खुदा नही दिखता...दिल में जो बात होती है उसे ही पन्नो पर बिना लाग लपेट उतार देता हूँ...क्या करूं प्रेमी हूँ ..प्रेम की लत कुछ ऐसी होती है...प्रेम से जुड़ी हर समस्या का इलाज है मेरे पास...आप विश्वास कर सकते हैं इस प्रेमी पर ....
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