वह एक मशीन है.उसे प्यार हो जाता है..लेकिन उसे प्यार उसी लड़की से हो जाता है जो उसके मालिक की महबूबा है.मालिक यानि जिसने उस मशीन को बनाया है...जब मालिक को पता चलता है की उसका बनाया मशीन उसी की महबूबा को चाहने लगा है तो उसे अपने मशीन से जलन होने लगती है...हालाँकि उसकी महबूबा उस मशीन से प्यार नही करती..वह उसे समझती है की वह एक औरत है और उससे प्रेम का हक सिर्फ पुरुष को है...मशीन उससे प्यार करे यह प्रकृति के खिलाफ है...लडकी मशीन से आग्रह करती है की वह उसे भूल जाये साथ में वह यह भी कहती है की तुम्हारे लिए भूलना आसान है क्यूंकि तुम एक मशीन हो...मशीन कोई प्रतिकार नही करता अपने प्यार का सम्मान करते हुए सर लटकाए वहां से लौट जाता है....उसकी सादगी,उसका त्याग बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है...क्या कोई इतनी मोहब्बत करता है आज के जमाने में....या अगर माना कोई भूल से प्यार कर भी बैठे तो क्या महबूबा के यह कहने पर की तुम मुझे भूल जाओ तुम ऐसा कर सकते हो,बिना प्रतिकार,बिना कुछ कहे कोई प्रेमी लौट सकता है...मुझे तो नही लगता...तो क्या अब प्यार भी हमे मशीनों से सीखनी होगी..पर इसे बनाने वाले तो हम खुद हैं ,,,फिर...कहीं तो कुछ गडबड है ,,.......
मशीन एक रोबोट है...उससे कई गलतियाँ ऐसी होती हैं जो मानवजाति के लिए विनाशकारी हैं..हालाँकि यह एक लालची वैज्ञानिक की करामत है...अदालत आदेश देती है की इस रोबोट को तोड़ दिया जाये,,फ़िलहाल इसकी जरुरत नही...रोबोट का मालिक उसके सामने है,,बगल में ही उसकी महबूबा भी खड़ी है...कई और लोग हैं...सबकी आँखे नम हैं....अंतिम विदाई लेते हुए रोबोट अपने मालिक से कहता है की माफ़ करना तुम मेरे मालिक हो और मै तुमसे ही गद्दारी कर बैठा,,मैंने नियम तोडा है....मालिक बोलता है नही..गलती तुम्हारी नही है....यह नियम तोडना आखिर तुमने हम मनुष्यों से ही तो सिखा है........
रोबोट के ज्ञान के परिक्षण के लिए उसे सबके सामने पेश किया जाता है...सभी उससे तरह तरह का सवाल करते है...एक सवाल आता है..तुम्हे क्या लगता है भगवान होता है,,,रोबोट पूछता है...भगवान मतलब क्या...
पूछने वाला कहता है मतलब जिसने हम सबको बनाया होगा....रोबोट मुस्कराकर वैज्ञानिक की तरफ इशारा करके जवाब देता है....मुझे तो इन्होने बनाया है,,,अगर ये हैं,,,,तो हाँ भगवान होता है...................
सच इस मशीन रोबोट से एक सफल मनुष्य होने के कई गुर सिख सकते हैं...या यूँ कहें की हम जितना सब कुछ मेहनत करके मशीनों में फीड के रहे हैं उसका कुछ हिस्सा खुद के पास रख लें तो कितना अच्छा हो.....
इस उम्मीद में की हमारा कल हमारे बनाये किसी मशीन से बेहतर होगा..दीजिये इजाजत ,,प्रेमी को...

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